अनमोल बानी
१ जिस प्रकार रथ पर बैठे वीर अपने घोडों का
परिचर्या करता है उसी तरह मानव को भी अपने मन को हर्षित करने के लिये भगवान की
स्तुति करनी चाहिय |१|
२ बड़ो आश्रिवाद गुरु की सेवा |
माँ बाप का आश्रिवाद पत्नीं की डाट कभी कभी
बेकार नही होती |
जो हमारे मित्र बनकर धोखा करते है और चुपके से
वॉर करते है उन सब का नाश कर दे | इसलिय वदे ही हमारा कवच है वे ही हमारा मार्गदर्शन है
जीवन का अनमोल रत्न बेटी | बेटी पडाओ | बेटी बचाओ |
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